हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 24 घंटों के दौरान ग़ज़्ज़ा पट्टी में इजरायली सेना के तीव्र हमलों में महिलाओं और बच्चों सहित 61 से अधिक फिलिस्तीनी शहीद हो गए। जबाल्या और यरमक शिविरों में आवासीय भवनों को निशाना बनाया गया, जिसके परिणामस्वरूप दर्जनों लोग मलबे में दब गए और शहीद हो गए।
प्रमुख घटनाएँ:
1. जबालिया कैम्प नरसंहार: एक इज़रायली हवाई हमले में एक आवासीय इमारत नष्ट हो गई, जिसमें 20 लोग मारे गए। बचाव दल अभी भी मलबे से शहीदों के शव निकालने में जुटे हैं।
2. यार्मौक में सहायता कर्मी शहीद: इजरायली सेना ने सहायता आपूर्ति और बचाव दलों को भी निशाना बनाया, जिसमें 4 सहायता कर्मी शहीद हो गए।
3. पूरे परिवार की शहादत: उत्तरी गाजा में एक घर पर हुए हमले में एक परिवार के छह सदस्य (पिता, माता और चार बच्चे) शहीद हो गए।
अमानवीय स्थितियाँ: संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि गाजा में कोई सुरक्षित आश्रय नहीं बचा है, जबकि इजरायली सैन्य वापसी के आदेश एक "धोखा" हैं।
इज़रायली सेना ने उत्तरी गाजा के बेत हनून और शेख जायद क्षेत्रों के निवासियों को तत्काल खाली करने का आदेश दिया है। सैन्य प्रवक्ता ने धमकी दी है कि यह "अंतिम चेतावनी" है और हमला आसन्न है।
मानवाधिकार संगठन इज़रायली अत्याचारों की निंदा कर रहे हैं और तत्काल युद्धविराम की मांग कर रहे हैं। हालाँकि, संयुक्त राज्य अमेरिका सहित पश्चिमी देशों की चुप्पी पर सवाल उठ रहे हैं।
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